Jul 5, 2015

सच्चा स्वामी

सच्चा स्वामी


चौपट नगरी में वीकएंड की रात का दूसरा पहर बीत चुका है । चौपट महल के रखवाले ऊँघने लगे हैं । पर महाराज की आँखों में नींद नहीं । सारे सुखों को त्याग कर महाराज कक्ष से बाहर निकले । दबे पाँव चारदीवारी फाँदकर कर जनपथ पर आ गए और छुपते-छुपाते संसद के पिछवाड़े को जाने वाली पगडंडी पकड़ ली । दीवार तक पहुँचने पर चार ईंटें हटाकर गुप्त मार्ग से प्रवेश करके संसद के कुँए के पास जा निकले ।

बड़ी सावधानी से कुँए से 'सत्य का शव' निकाला और कंधे पर डाल कर गुप्त मार्ग से बाहर निकलने लगे । तभी शव में स्थित बेताल बोल उठा- राजन, जब सारी चौपट नगरी वीकएंड मनाती है तब तुम क्यों सारे सुखों को त्याग कर सत्य के शव को ठिकाने लगाने के लिए चल पड़ते हो ? जब कि तुम अच्छी तरह से जानते हो यह सत्य बड़ा चीमड़ है और किसी न किसी बहाने तुम्हारे चंगुल से निकल जाता है । आज फिर तुम इसे उठा कर चल पड़े हो ।

महाराज कुछ नहीं बोले तो बेताल ने कहा- पर तुम्हारी भी क्या गलती । राजा को हर समय सत्य के उठ खड़े होने का डर सताता रहता है । उसके लिए चैन की नींद सोना मुश्किल हो जाता है । मुझे तुमसे पूरी सहानुभूति है । तुम्हारा मन बहलाने और श्रम भुलाने के लिए, लो मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ ।

किसी देश में आध्यात्म का बहुत प्रचार थाजब साधारण आदमी को परेशानी होती है तो वह धर्म और धार्मिक स्थानों में जाता हैघंटे-घड़ियाल बजता है, जागरण- कीर्तन करवाता है, मंदिर में चढ़ावा चढ़ाता है, प्रसाद बंटवाता हैमगर आदमी जब थोड़ा बहुत पढ़-लिख जाता है, भर पेट खाने को मिलने लग जाता है तो फिर उसे साधारण आदमियों की तरह मंदिर में जाना ठीक नहीं लगतावह कुछ स्पेशियल ट्रीटमेंट चाहता हैऔर यदि यह सब इंग्लिश में हो तो उसका अहम् और भी संतुष्ट होता हैअगर आश्रम एयर कंडीशंड हो तो स्वर्ग की प्राप्ति शीघ्र होती हैयदि वहाँ सुन्दर महिला योग प्रशिक्षिका हो तो बस क्या कहना, स्वर्ग में गए बिना ही इन अप्सराओं के कारण स्वर्ग का नज़ारा दिखना शुरु हो जाता हैइसीलिए आजकल नए धनवान लोगों को ऐश करते हुए आध्यात्म और स्वर्ग की सैर करवाने के लिए कुछ अंग्रेजी बोलने वाले स्वामियों ने पाँच सितारा आश्रम खोले हैंस्वामीजी ब्यूटी पार्लर में संसाधित होकर, डिज़ाईनर ड्रेसों में सज्जित होकर पैसे वाले भक्तों की आत्मा को परमात्मा से एक-मेक करवा देते हैंऐसे ही एक स्वामीजी जब आपने व्यक्तिगत आत्मा-परमात्मा मिलन में समाधिस्थ थे तो किसी भक्त ने उनका वीडियो बना लियाअब लोग उसी को सबसे ज्यादा देख रहे हैंऔर धर्म को खतरे में मान कर चिंतित हो रहे हैंहे महाराज, आप बताओ कि इस वीडियो को ध्यान से देखकर बताओ कि क्या स्वामीजी की आलोचना की जानी चाहिए ? इससे जनता क्या समझे ? लोग भ्रम में हैंयदि सत्य जानते हुए भी तुमने अपनी राय व्यक्त नहीं की तो तुम्हारे सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएँगे

महाराज ने बड़े ध्यान से वीडियो क्लिपिंग देखी और कहा- बेताल, स्वामी की आलोचना करने वाले सभी अज्ञानी या कुंठित लोग हैं अरे, आज तक तथाकथित ज्ञानी लोग माया से दूर भागते रहे उसकी तरफ पीठ करे बैठे रहे वे क्या माया से मुकाबला करेंगे साधारण लोग माया के पीछे भागते हैं इसलिए माया का असली स्वरूप नहीं समझ पाते इसीलिए नायिका पूछती रही और लोग है कि आज तक यह भी नहीं बता पाए कि 'चोली के पीछे क्या है' जिस देश के लोग इतना भी नहीं बता पाए वे क्या खाकर ब्रह्म को जान पाएँगे ? और फिर ब्रह्म तो कण-कण में है क्या पता कि चोली के पीछे ही छुपा हुआ हो और स्वामी सर्वजनहिताय लाकर सबके सामने रख दें

अब ले-दे के कोई एक सच्चा स्वामी हुआ है जो माया से मुकाबला करने का साहस कर रहा है तो लोग उसकी टाँग खींच रहे हैं यह माया ठगनी है, लोगों को भटकाया है , चक्कर में डाला है अब यह उससे आमने-सामने संघर्ष कर रहा है तो अच्छा ही है हो सकता है कि यह माया को परास्त ही कर दे और लोगों को इस झंझट से छुट्टी मिले लोगों को इस स्वामी का साहस बढ़ाना चाहिए मैं तो इस स्वामी को अब तक के स्वामियों में सबसे महान मानता हूँ

महाराज चौपटादित्य के ऐसे आँख खोल देने वाले उत्तर को सुन कर बेताल की खोपड़ी टुकड़े-टुकड़े हो गई


 

No comments:

Post a Comment