Mar 16, 2020

कोरोना वायरस के साहित्यिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ



कोरोना वायरस के साहित्यिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ 

मोदी जी और अमित शाह जैसे बड़े-बड़े तीस मार खाँओं ने होली का कार्यक्रम तक स्थगित कर दिया |राष्ट्रपति भवन भी जनता के लिए बंद कर दिया गया है |दिल्ली के सिनेमा हॉल ३१ मार्च तक बंद |हमें बड़ा अजीब लगा |इतना भय तो हमने उस समय भी नहीं देखा जब हम बांग्ला देश के निर्माण के समय समुद्र के किनारे पोरबंदर में थे जहां जब चाहे पाकिस्तानी हवाई जहाज बम गिरा जाते थे |इसके बाद सार्स और स्वाइन फ्लू भी फैले हैं |हमें १९५७ में फैला इन्फ़्लूएन्जा भी याद है जो किसी को भी पकड़ लेता था और कोई कारगर दवा भी उपलब्ध नहीं थी |बस, वैद्यनाथ प्राणदा नामक भयंकर कड़वी दवा ही एक मात्र उपाय था |लेकिन आज ? पता नहीं, जो इतने डरे हुए हैं वे वास्तव में कोई महामारी फ़ैलने पर क्या करेंगे ? आज भी क्या उनमें से कोई किसी कोढ़ी ने घाव उस सहजता से साफ़ कर सकता है जिस सहजता से गाँधी जी उस समय अपने आश्रम में कोढ़ ग्रस्त परचुरे शास्त्री के घावों की मरहम पट्टी स्वयं किया करते थे |

वैसे हम बिना किसी भय के सामान्य जीवन बिता रहे हैं |आज जैसे ही तोताराम आया, हमने कहा-  ऐसा भी क्या भय |तोताराम, लगता है, यदि सचमुच में ही इस देश में कोई महामारी फ़ैल गई तो कोई किसी की खैरियत पूछने भी नहीं आएगा  |

बोला- मास्टर, तुझे भी आजकल की नाटकबाजी की हवा लग गई है |दुनिया सब ऐसे ही चलती रहेगी |यह देश महान है |यह ईश्वर में विश्वास करने वाला देश है | ईश्वर में विश्वास करने वाले की रक्षा भगवान करता है |अभी दो चार दिन रुक जा,  मोदी जी  वेदों में से कोई फ्री वाला घरेलू नुस्खा लाने ही वाले हैं या फिर रामदेव की ओर से कोई गोबर-गोमूत्र में कोरोना विनाशक तत्त्व खोज लिया जाएगा | तांत्रिक और ज्योतिषी भी कोई न कोई डोरा-जंतर, जाप-ताप खोजेंगे ही |

हमने कहा- फिलहाल हमें क्या करना चाहिए ?

बोला- करना क्या है ? हमेशा की तरह मोदी की भांति सभी कामों में बिना माँगे एक्सपर्ट राय देने वाले महानायक का वीडियो देख ले जिसमें उन्होंने कोरोना को भगाने का उपाय बताया है, कहते हैं- 

आवै करौना-फरौना जब 
ठेंगा दिखाओ तब |

हमने कहा- बात कुछ जमी हैं |

बोला- तो कोई बात नहीं |अपने राजस्थान की महिलाओं द्वारा निर्भय भाव से समूह में गाया जा रहा यह गीत आज़मा सकता है |महानायक जी का गीत भी इन्हीं के भावों से प्रभावित है |मातृशक्ति गा रही है-
करोना भाग ज्या, ओए करोना भाग ज्या 
भारत में थारो कांई काम रे |

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वैसे रामदास आठवले जी ने एक चीनी राजनयिक को जोर-जोर से 'गो कोरोना, गो' बोलकर कोरोना भगाने का एक वैज्ञानिक तरीका भी बताया है, चाहे तो उसे भी आजमा सकता है |



या फिर भोजपुरी गीत- 'मोदी जी बचाई हो , फैलेल करोना वायरस हो ' गाकर मोदी जी को पुकार सकता है |यदि उन्होंने सुनली तो फिर काम हो ही जाएगा |


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हमने कहा- मोदी जी तो खुद विदेश जाने से बचने लगे हैं और मंत्रियों को भी यही सलाह दी है |

बोला- मास्टर, भोजपुरी में कुछ कलाकार कोरोना के बारे कुछ और ही तरह की जानकारियाँ सामने लाए हैं जैसे- लहँगा में कोरोना वायरस घुसल बा, पयालवा के लहँगा में कोरोना वायरस, कोरोना वायरस बा चोली में और तोर जवानी कोरोना वायरस हो आदि |

हमने कहा- ये सब कोरोना के साहित्यिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ हैं |इनमें जहाँ-जहाँ कोरोना वायरस के घुसने और पाए जाने वाले स्थानों का ज़िक्र है या जिस उम्र को कोरोना वायरस कहा गया है उससे अब हमारा कोई संबंध  नहीं रहा है |इसका खतरा तो रसिक नेताओं को अधिक है |

बोला- चलो कोई बात नहीं, कुछ दिनों में सब ठंडा पड़ जाएगा |तब तक कुछ दवा वाले, कुछ मास्क वाले और कुछ शेयर बाज़ार वाले पैसे कमा लेंगे |

हमने कहा- और लोग कुछ दिन के लिए दिल्ली के दंगे,  बेरोजगारी और सी ए ए को भी भूले रहेंगे |












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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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