Jul 8, 2020

कोरोना ने चक्कर डाल दिया, नहीं तो........



कोरोना ने चक्कर डाल दिया, नहीं तो........


यह 'नहीं तो.....'  एक ऐसा ज़बरदस्त जुमला और पतली गली है जिससे किसी के लिए भी बच कर निकलना बहुत आसान हो जाता है |  भले ही आप गाँधी की हत्या और नेहरू जी के निधन के बाद पैदा हुए हों लेकिन कोई आपका क्या पकड़ लेगा यदि आप कहें कि १५ अगस्त १९४७ को मेरी उम्र छह साल थी नहीं तो... मैं भारत का प्रधानमंत्री बन सकता था |अब ट्रम्प को अपने अप्रत्याशित बयानों, बचकाने निर्णयों और प्रतिगामी  नीतियों  के कारण हार की संभावना दिखाई दे रही लेकिन उससे पहले ही उन्होंने एक बयान दे दिया- चीन नहीं चाहता कि मैं अगला चुनाव जीतूँ |अब हार भी गए तो दोष चीन का, उनकी योग्यता में तो कोई कमी थी नहीं |कोरोना की शुरुआत में कह दिया बीस लाख लोग मर सकते हैं |ऐसे में यदि १८ लाख ही मरे तो सरलता से कहा जा सकता है उनकी नीतियाँ और प्रबंधन कितना सक्षम और सार्थक रहा |

आज जैसे ही तोताराम आया, हमने कहा- तोताराम, यह चीन तो विश्वास के लायक नहीं निकला |

बोला- इतनी तो हममें ही अकल होनी चाहिए थी |अरे, जब नेहरू को धोखा दिया तो उसे तुमने उनकी मूर्खता बताकर कॉलर ऊँचे कर लिए लेकिन जब तुम उसके साथ झूला झूल रहे थे तब ? देखो, कुत्ता कितनी भी बढ़िया नस्ल का और कीमती हो लेकिन  दूध नहीं दे सकता |

हमने कहा- लेकिन अब तो हमारी भद्द पिट ही गई |न उसे दोष देते बने और न ही खुद को मुंगेरी लाल मानते बने |

बोला- मास्टर, कुछ टाइम ही खराब चल रहा है अन्यथा क्या तो चीन और क्या उसकी औकात |यह बीच में कोरोना और टिड्डियों ने चक्कर डाल दिया नहीं तो......| 

हमने कहा- यह 'नहीं तो .......'  अपनी कमी और झेंप मिटाने का बहाना है | कोरोना तो चीन से चला था और उसके बावजूद वह तुमसे कुचरनी करने आ गया |वैसे कोरोना नहीं होता तो तुम क्या कर लेते ? तुम तो उसका नाम लेने से ही परहेज करते हो |

बोला- हम ऐसे-वैसे लोगों का नाम भी अपनी ज़बान पर नहीं लाते |हम तो उस तोते की तरह समझा देते हैं |

हमने पूछा- कौन तोता ? तोताराम ? 

बोला- एक तोता जब भी अपने मालिक के पड़ोसी को घर से निकलते देखता तो गाली देता |पड़ोसी ने उसके मालिक से शिकायत की | दूसरे दिन तोते ने गली तो नहीं निकाली लेकिन पड़ोसी को देखते ही बोला- मालिक ने गाली देने से मना कर दिया नहीं तो तू जानता ही है कि मैं क्या बोलता ? 

हमने कहा- लेकिन तूने यह तो नहीं बताया कि यदि कोरोना नहीं होता तो तुम क्या फाड़कर एक की दो कर देते |

बोला- करते क्या ? जैसे कोरोना और टिड्डियों को ताली-थाली से भगा दिया वैसे ही  चीनियों को शोर मचाकर भगा देते |हमारे पुराणों में राजा दिलीप के राज में एक राक्षसी शिशुओं को मार देती थी | वैदिक और राष्ट्रभक्त विद्वानों ने बताया कि यदि शोर मचाया जाए तो राक्षसी भाग जाएगी |ऐसा ही हुआ और दिलीप की प्रजा को इस समस्या से मुक्ति मिली |

यह उदाहरण मोदी जी के ताली-थाली बजाने के राष्ट्रीय आह्वान के समर्थन में नवभारत टाइम्स में लिखने वाले एक वेद-पुराणज्ञ और ज्योतिषी किन्हीं झा साहब ने दिया था |आज  भी हमारे यहाँ मीका सिंह जैसे गायक हैं जिन्हें सुनकर फसल को नुकसान पहुँचाने वाले पशु और टिड्डियाँ भाग जाती हैं | 


हमने कहा- फिर भी सीमा पर की गतिविधियों पर इतनी तो नज़र रखते कि वे गलवान में ग़ालिब न हो पाते |

बोला- हो सकता है पिछली शरद पूर्णिमा पर सुई में धागा न डालने के कारण दृष्टि की तीक्ष्णता कुछ कम हो गई हो | जो देखने की थोड़ी बहुत शक्ति बची थी वह तबलीगियों  में कोरोना, विश्वविद्यालयों में देशद्रोही और 'हम देखेंगे' गाने वालों को देखने में काम आ गई |


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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