Jan 20, 2023

मोदी है तो कुछ भी मुमकिन नहीं है

मोदी है तो कुछ भी मुमकिन नहीं है 


आज तोताराम बहुत उत्साहित था, बोला- बस, दो चार महिने की बात और है . अहंकारी चीन को पीछे छोड़ देंगे . 

हमने कहा- क्या तो चीन और क्या उसकी औकात ? मोदी जी तो उसे नाम लेने लायक भी नहीं समझते . अब तो हम जी २० के अध्यक्ष हैं. दुनिया के सबसे धनवान और शक्तिशाली देश कोई कदम उठाने से पहले मोदी जी की तरफ देखते है . हम ब्रिटेन से भी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं . हाँ, यह बात और है कि अर्थव्यवस्था के जितने बड़े  आकार में संसाधनों का बंटवारा ७ करोड़ लोगों में होता है उतने में हम १४० करोड़ को निबटाते हैं . मतलब ब्रिटेन का एक व्यक्ति हमारे बीस व्यक्तियों जितने साधनों का उपयोग करता है . फिर भी तुलना करके खुश होने में क्या नुकसान है . दिल के बहलाने को गालिब...

बोला- मैं अर्थव्यवस्था की बात नहीं कर रहा . मैं तो जनसँख्या की बात कर रहा हूँ . २०२३ में हम चीन को पीछे छोड़ देंगे . मोदी है तो मुमकिन है .

हमने कहा- यह हम नहीं मानते . मोदी जी ने देश के विकास और सेवा के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत ले रखा है . वे संयम, सेवा, निग्रह, अनुशासन के साक्षात् विग्रह हैं . देश जी जनसँख्या वृद्धि में उनका कोई योगदान नहीं है . और न ही मुसलमानों और धर्म निर्पेक्षियों का कोई योगदान है . हाँ, उनके कुछ उत्साही, राष्ट्रवादी और हिंदुत्त्ववादी भक्तों का ज़रूर योगदान है जिन्होंने मुसलमानों के खतरे से देश को बचाने के लिए हिन्दुओं को पांच-पांच, सात-सात बच्चे पैदा करने की प्रेरणा देकर देश को यह गौरवपूर्ण उपलब्धि दिलवाई है . लेकिन हम एक बात ज़रूर दावे से कह सकते हैं मोदी जी के रहते कुछ भी 'मुमकिन' नहीं हो सकता .

बोला- क्या बात कर रहा है ? पिछले ३० वर्षों में दो-दो बार पूर्णबहुमत की सरकार देश को दी. नोटबंदी करके आतंकवादियों और काले धन वालों की कमर तोड़ दी . क्या आज तक कोई ऐसा कर पाया ? जोशीमठ और बद्रीनाथ के इलाके में मकानों में आने वाली दरारें मोदी जी के एक इशारे से बंद हो गई कि नहीं ? हैं कहीं कोई समाचार ?

हमने कहा- दरारें बंद नहीं हुई है . सरकार ने 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण' पर मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है .  इस देश के लोगों को शाम को समाचारों में अपने शहर का तापमान सुनकर सर्दी-गरमी लगती है . जैसे कि हिन्दू खतरे में, हिन्दू खतरे' कह कर लोगों को डराया जाता है वरना हजार साल से दोनों शांति से रहते रहे हैं कि नहीं ? यदि इन दोनों का सांप-नेवले, कुत्ते-बिल्ली, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और गाँधी जैसा ३६ का आंकड़ा होता तो कब के सब लड़-लड़ कर मर गए होते . 

बोला- कुछ भी कह मैं तेरी इस बात से कभी भी सहमत नहीं हो सकता कि 'मोदी है तो कुछ भी मुमकिन नहीं' . अरे, सारी दुनिया कह रही है- 'मोदी है तो मुमकिन है'. बिलकिस बानो के संस्कारी बलात्कारियों को समय से पूर्व छोड़ने का काम करके भी गुजरात में दो तिहाई बहुमत आ गया . तब ऐसा कौन सा काम है जो मोदी जी के रहते मुमकिन नहीं हो सकता ? वे लोगों को जूते मारकर भी जीत सकते हैं . उनका क्या कोई विकल्प है ? 

हमने कहा- विकल्प तो किसी का भी नहीं होता . क्या हाथी मक्खी का विकल्प हो सकता है ? हाथी बोझा ढो सकता है . राजा के जुलूस की शान बढ़ा सकता है लेकिन पौधों में परागण के लिए तो कीट-पतंगे चाहियें कि नहीं  ? क्या कोहीनूर हीरा या हजार करोड़ की कोई मूर्ति या मंदिर एक गिलास पानी का विकल्प हो सकता है ? क्या आँख का काम पैर से और पैर का काम आँख से चलाया जा सकता है ? समाज को अपनी-अपनी सीमाओं से आगे निकलना है तो अंधे और लँगड़े की दोस्ती की तरह मिलकर रहना होगा ? किसी के पास आँख है तो किसी के पास पैर . 

बोला- बहुत हो गई तेरी यह 'विकल्प विवेचना' . बस, मुझे तो एक बात का साफ़-साफ़ उत्तर से कि 'मोदी है तो मुमकिन' क्यों नहीं हो सकता ?'

हमने कहा- जैसे फैब इण्डिया 'जश्न-ए-रिवाज़' नहीं मना सकता उसे 'परंपरा का उत्सव' ही मनाना पड़ेगा . 'हिजाब' से हिंदुत्व खतरे में पड़ आता है इसलिए हिन्दू महिलाओं को 'हिजाब' की जगह 'घूँघट' करना पड़ेगा . घूँघट हरियाणा और राजस्थान की शान है . इकबाल की प्रार्थना 'लब पे आती है दुआ ' सुनकर बच्चा तो बच्चा अस्सी साल के बूढ़े का भी मन डोल जाता है और वह मुसलमान हो जाता है . इसलिए मोदी जी कभी भी 'मोदी है तो मुमकिन है'  नारे से सहमत नहीं होंगे . 

हाँ या तो वे तेजस्वी सूर्य से आज्ञा ले लें या फिर नारा बदल दें - 'मोदी है तो संभव है ' . 

बोला- लेकिन इसमें अनुप्रास का फ़ोर्स, लय और प्रवाह नहीं . मोदी जी को बात में फ़ोर्स चाहिए फिर चाहे भाषा कोई भी हो . 

हमने कहा- तो फिर यह नारा किसी और महापुरुष के नाम कर दें . 

बोला- कैसे ?

हमने कहा- 'शाह है तो संभव है' . 

बोला- मोदी जी की छाया में इतनी गुंजाइश नहीं है . वे कैमरे और अपनी छवि के बीच किसी मक्खी तक को बर्दाश्त नहीं करते . 

हमने कहा- तो झेलो उर्दू से हिंदुत्व को खतरा. फिर मत कहना कि बताया नहीं .   







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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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