Jun 12, 2015

डा. तोताराम

डा. तोताराम 

आज तोताराम थोड़ा विलंब से आया | हमने पूछा- क्यों तोताराम, क्या २१ जून के योग-दिवस की तैयारी कर रहा था ?

बोला- क्या कर रहा था, यह बाद में | पहले  मेरा नाम तो ठीक से ले | अब मैं तोताराम नहीं, डा. तोताराम हो गया हूँ |

हमने आश्चर्य से पूछा- रोजाना तो यहाँ आता है फिर कब टेस्ट दिया,कब एम.फिल. किया, कब पी.एच.डी. की और किस विषय पर की और तेरा गाइड कौन था ? 

बोला- तू तो मुझसे इतना त्वरित और इतने सवाल कर रहा है जैसे दिल्ली की पुलिस  किसी तथाकथित नकली डिग्री वाले मंत्री से पूछ रही है | 

हमने कहा- हम पुलिस तो नहीं हैं लेकिन मामला तो संदेहास्पद है ही |और संदेह तब और बढ़ जाता है जब कोई अपनी डिग्री जोड़े जाने के लिए इतना आग्रही होता है | भगवान कृष्ण परमशाक्तिशाली हैं , गोवर्धन धारण करने वाले हैं लेकिन यदि कोई उन्हें मुरलीधर कहे तो भी वे बुरा नहीं मानते | और फिर व्यक्ति डिग्री से बड़ा होता है |सचिन को मानार्थ डाक्टरेट मिली हुई है लेकिन उसके नाम से पहले न तो अखबार वाले और न ही वह खुद डा. लगाता है |

कहने लगा-  तू मेरे ही पीछे क्यों पड़ा है ? ये तो एक दो केस आए हैं और विरोधी पार्टी के होने के कारण इतनी जल्दी और इतनी कठोर कार्यवाही हो रही है अन्यथा सभी पार्टियों में ऐसे लोग भरे पड़े हैं | पकिस्तान में सौ से अधिक ऐसे मामले हैं लेकिन सब चल रहा है |

हमने कहा- देखो, इन लोगों के कारण कोई अतिरिक्त नुकसान नहीं होता | इन्हें तो वही काम करना है जो बिना डिग्री के भी होता रहा है | अपराधियों और अधिकारियों के बीच संपर्क करवाना, ट्रांसफर के लिए डिजायर लिखना और अपनी निधि को,जो भी उसके पद के अनुसार बनती है, निबटाना | अब इसमें क्या फर्क पड़ता है | पंचायत के चुनावों में आठवीं या दसवीं का सर्टिफिकेट आवश्यक किया गया तो बेचारों को तत्काल लाना पड़ा | एक हफ्ते में तो ऐसा ही सर्टिफिकेट आएगा |काम में तो कोई कमी नहीं है ना | उसी तरह से मनारेगा को ठिकाने लगाया जा रहा है जैसे पहले लगाया जाता था |और फिर नेताओं की असली डिग्री है- जिताऊ होना फिर चाहे वे खूनी ही क्यों न हों | और कुछ नेता तो जेल के अन्दर से ही चुनाव जीत जाते हैं फिर इनकी योग्यता में क्या संदेह | ये सब तो अपने फील्ड के स्वप्रमाणित डी.लिट्. हैं |

कहने लगा- तो देश में ये जो बिना डिग्री के लाखों डाक्टर बने प्रेक्टिस कर रहे हैं इनके बारे में क्या ख्याल है ?

हमने कहा- ये कोई नुक्सान नहीं कर रहे हैं | ये शुद्ध डिस्टिल वाटर के इंजेक्शन लगाते हैं, विटामिन की गोली देते हैं और यदि इनके वश का नहीं हो तो ये ईमानदारी से जयपुर रेफर कर देते हैं | 

बोला- तो फिर मैं कौनसा इस डिग्री से कोई इन्क्रीमेंट ले रहा हूँ | जो पेंशन अब तक लेता रहा वही ले रहा हूँ |मेरा दो घड़ी का सुख भी तुझसे नहीं देखा जाता तो कोई बात नहीं, मेरा नाम डा. तोताराम नहीं, केवल तोताराम है, अब तो चाय मँगा |



 

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