Mar 10, 2015

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
तोताराम की नीलामी 

हम और तोताराम चाय की पहली चुस्की भी नहीं ले पाए थे कि इस्माइल टपक पड़ा | अंग्रेजी वाली स्माइल तो नेताओं और विदेशी निवेशकों के लिए रिजर्व हो गई है लेकिन यह वह स्माइल नहीं, यह इस्माइल है | प्रायः हमारी गली में बकरे खरीदने आया करता है | यह जो आवाज़ लगाता है उसे केवल बकरे और बकरों के मालिक ही समझते हैं | अब अभ्यासवश हम भी थोड़ा अंदाज़ लगा सकने लायक हो चुके हैं |

आज उसने कोई आवाज़ नहीं लगाई, सीधे ही पूछ लिया- मास्टर जी, कोई बकरा बिकाऊ है ?

हमने कहा- तुझे इस गली में आते हुए दस वर्ष हो गए |तुझे यह पता है कि हम बकरी नहीं पालते |और जब बकरी नहीं पालते तो बकरे कहाँ से आएँगे ?

बोला- आजकल नीलामी का मौसम है | अभी बिहार में नीलामी होने वाली है जहाँ दिल्ली से बड़े-बड़े लोग पहुँच चुके हैं |बंगलुरु में क्रिकेट खिलाड़ी नीलाम  हो ही चुके हैं | इसलिए हमने सोचा क्या पता मास्टर जी भी कुछ नीलाम कर रहे हों तो | 

हमने कहा- इस्माइल, ईमान तो हम बेचेंगे नहीं और बाकी ऐसा कुछ हमारे  पास   है नहीं जिसकी किसी को ज़रूरत हो | 
तभी हमारे व्यंग्यकार मन को कुछ शरारत सूझी, कहा- लेकिन एक खिलाड़ी है जो न तो बंगलुरु गया और न ही कीमत ज्यादा होने के कारण किसी ने उसे ख़रीदा |

इस्माइल को अचम्भा हुआ- बोला, तो दिखाइए

हमने तोताराम की तरफ इशारा करते हुए कहा- यह है ना | 

बोला- ये ? इनमें ऐसी क्या विशेषता है ?

हमने कहा- एक दम फ्रेश है | आज तक न कोई मैच खेला, इसलिए रन रेट आदि का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है लेकिन इसकी स्टाइल से कोई वाकिफ़ नहीं है | इसलिए हो सकता है कि जब तक बैट्स मैन इसका स्टाइल समझें तब तक यह एक ओवर में छः विकेट लेकर नया विश्व रिकार्ड बना दे |लेकिन तेरे वश का नहीं है, दाम कुछ ज्यादा है |

इस्माइल ने अपनी जेब में हाथ डालते हुए कहा- कितने ज्यादा ? बताएँगे तभी ना बात आगे बढ़ेगी ?

हमने कहा- कितने भी, लेकिन युवराज सिंह से एक रुपया ज्यादा |

बोला- लीजिए, आप भी क्या याद करेंगे कि किसी क्रिकेट-प्रेमी से पाला पड़ा था |ये लीजिए टोकन मनी |और हमारी तरफ दस रुपए का एक नोट बढ़ा दिया |

हमने कहा- और बाकी ?

बोला- दस रुपए महिने की क़िस्त तय रही |

तोताराम भी उसके साथ उठ खड़ा हुआ |हमने कहा- अभी क्या जल्दी है | जब मैच हो तब चले जाना |
बोला- कहीं नहीं जा रहा हूँ | बस, अखबार में समाचार देकर आ रहा हूँ कि तोताराम सोलह करोड़ एक रुपए में नीलाम हुआ | और कुछ नहीं तो मेरा, सीकर और राजस्थान का नाम तो रोशन हो जाएगा |और क्या पता 'गिनीज़ बुक' में भी नाम आ जाए |

जैसे ही तोताराम और इस्माइल विदा हुए, हमने नोट को पलट कर देखा तो पाया कि उसके पीछे छापे जाने का साल तो है ही नहीं  |
अब पता नहीं इसे कहाँ चलाएँगे ?

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