Mar 25, 2015

तोताराम का दही-चिउड़ा



तोताराम का दही-चिउड़ा 

कल संक्रांति थी और थोड़ी सी बूँदाबाँदी | जान लिए रजाई में घुसे हुए थे तभी तोताराम के पोते बंटी ने एक चिट थमा दी | चिट क्लीन नहीं थी | वैसे हम कौन जन-सेवकों की तरह अपराधी हैं जो जिस तिस से क्लीन चिट चाहते फिरें | लिखा था- 'आज मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आप तोताराम के आवास पर दही-चिउड़ा का प्रसाद ग्रहण करने के लिए सादर आमंत्रित हैं' | बड़ी राष्ट्रवादी भाषा थी |

बंटी पास में रखी एक कॉमिक पढ़ने लगा और हम तो अखबार पढ़ ही रहे थे | कोई आधा घंटा बीत गया तो चेहरे पर खीज लिए तोताराम प्रकट हुआ, कहने लगा- क्या तू अपने आप को मोदी जी से भी बड़ा आदमी समझता है जो आ ही नहीं रहा | ज्यादा देर करेगा तो दही खटास पकड़ लेगा और मज़ा नहीं आएगा |अरे, दही चिउड़ा खाने के लिए तो मोदी जी भी ठीक समय पर पासवान जी के यहाँ पहुँच गए |

हमने कहा- यदि हम खुद को मोदी जी समझ रहे हैं तो तू कौन अपने आपको पासवान जी से कम समझ रहा है ? दही चिउड़ा कौन हमारा खाना है ? यह तो पूर्वी यू.पी. और बिहार की तरफ का खाना है | अपने लिए तो बाजरे की खिचड़ी या बाजरे का चूरमा ही ठीक है |और फिर पासवान जी का क्या है | योग्य और कुशल व्यक्ति हैं | सबको दही-चिउड़ा खिला कर काम निकालते रहे हैं | अब लोकसभा में ही नहीं पहुँचे तो कोई क्या करे अन्यथा १९८९ में वी.पी. सिंह, १९९६ में अटल जी, २००४ में सोनिया जी और अब २०१५ में  मोदी जी दही-चिउड़ा खिला रहे हैं | वैसे पासवान जी का दही-चिउड़ा है बड़ा चमत्कारी | हर तरह के दल और दिल में घुस जाता है |लेकिन हमारे पास कौन सी सत्ता है जो तुम्हें दही-चिउड़ा खिलाने की ज़रूरत आ पड़ी | और फिर बन्धु, सर्दी में दही खाकर कहीं खाँसी हो गई तो कई दिन परेशान होना पड़ेगा |


बोला- जब मोदी जी और पासवान जी खा सकते हैं तो तुझे क्या परेशानी है ? तू मकर संक्रांति के दिन दही-चिउड़ा न खाकर भारतीय संकृति और धर्म का अपमान कर रहा है |

हमने कहा- मोदी जी और पासवान जी तो जवान हैं, पचा जाएँगे | वैसे शासक का क्या जवान और क्या बूढ़ा, सबकी पाचन शक्ति बहुत ज़बरदस्त होती है |राष्ट्रीय एकता, गुड गवर्नेंस और देश के अच्छे दिनों के जाने क्या-क्या पहनना, खाना और पचाना पड़ता है | हमारे ऊपर कौन सी देश की ज़िम्मेदारी है जो सर्दी में दही खाएँ |

बोला- कोई बात नहीं | मैं तुझे कुछ नहीं कह सकता, मत चल | क्या करूँ, तेरी केबिनेट छोड़ भी तो नहीं सकता | यदि कोई और विकल्प होता तो तुझे बताता |

हमने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- नाराज़ हो गया क्या ? हमने तो आज मोदी जी का पासवान जी के यहाँ दही-चिउड़ा खाते हुए फोटो कम्प्यूटर पर देखा था सो तेरे साथ वैसे ही ठरक ले रहे थे | चल |

अब दही- चिउड़ा का क्या प्रभाव होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है |

१५-०१-२०१५


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