उतरन का धंधा
आज तोताराम विपरीत दिशा से प्रकट हुआ मतलब अपने घर की तरफ से नहीं, मंडी की तरफ से -सिर पर एक बड़ा सा गट्ठर, लड़खड़ाते पाँव; यदि हम न सँभालते तो गिर ही पड़ता |
पूछा- इसमें क्या है ? कहीं मंडी से बची हुई सब्ज़ी तो बीनकर नहीं ला रहा ?
तोताराम ने पसीना पोंछते हुए हमें खा जाने वाली निगाहों से घूरते हुए कहा- अभी सरकार इतनी निर्लज्ज नहीं हुई है कि अपने रिटायर वरिष्ठ सेवकों को सब्जियों की फेंकन बीनने की हालत में पहुँचा दे |
फिर हमारे कान के पास मुँह लाकर बोला- बोझ तो बहुत है, जान ही निकल गई लेकिन यह कोई सब्जी या आटा थोड़े ही है जो ऑटो में लादकर लाता | बड़ा जोखिम का काम है |पूरे पाँच करोड़ हैं | गनीमत है कि सही सलामत पहुँच गया वरना कोई भी टेंटुआ दबाकर ले भागता और पुलिस अज्ञात लोगों के नाम एफ़.आई.आर.दर्ज करके छुट्टी कर देती |
हमारा मुँह खुला का खुला रह गया- पाँच करोड़, कहाँ हाथ मारा ?
बोला- किसी दो नंबर वाले से एक महीने का फिफ्टी-फिफ्टी का सौदा किया है मतलब एक महीने बाद मूल धन और आधा प्रॉफिट लौटा दूँगा |
हमने कहा- बात साफ़ कर |
बोला- मैनें सोचा है कि पाँच करोड़ में मोदी जी वाला सूट खरीद लूँगा और कुछ दिन में एक -दो करोड़ का फायदा कमाकर बेच दूँगा |चल, लगा मोदी जी को फोन |
हमने कहा- तू किस दुनिया में है ? वह तो बिक चुका, गुजरात में उसका जुलूस भी निकल चुका और आयकर का छापा पड़ चुके उस व्यवसायी का नाम गुड बुक्स में भी आ चुका |
बोला-तू कैसा आदमी है ? इतना भी ध्यान नहीं रखा ? अब उस सूरत वाले हीरा व्यवसायी का पता मालूम कर | चार करोड़ इकत्तीस लाख में ख़रीदा है, हम उसे पूरे पाँच करोड़ देंगे | चार दिन में साठ लाख का प्रॉफिट कम नहीं | धंधा करने वाला आदमी है, दे देगा |
हमने कहा- नहीं देगा | उसने कल सूट पहने मोदी जी के जिस पुतले का जुलूस निकाला है उसे अपने ऑफिस के स्वागत कक्ष में, वही सूट पहनाकर खड़ा करेगा जैसे रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर जींस और शर्ट पहने प्लास्टिक के पुतले खड़े रखे जाते हैं |इससे उसके कर्मचारियों को प्रेरणा मिलेगी |
बोला- अरे, गुजरात तो द्वारिकाधीश,योगिराज कृष्ण की भूमि है | क्या उनसे उसे और उसके कर्मचारियों को प्रेरणा नहीं मिल सकती ?
हमने कहा- व्यापारियों का काम योगिराज से नहीं चलता उन्हें तो सत्ता की कृपा चाहिए और वह इतने सस्ते में मिल गई | वह बिलकुल नहीं बेचेगा |वैसे हमें उत्सुकता है कि तू इस सूट का क्या करता और कैसे एक महीने में ही एक-दो करोड़ कमा लेता ?
कहने लगा- देख, यह सूट छप्पन इंच के हिसाब से बना है और मेरा हिसाब अट्ठाईस इंच का है |सो एक के दो सूट हो जाते | पहले एक बेचते पाँच करोड़ में और फिर दस-पाँच दिन में दूसरा |और सुना है उसमें सोने के तारों से कढ़ाई हुई है सो उसकी जगह पीतल के तार लगा देते तो वह बचत अलग से हो जाती |
हमें तोताराम से ईर्ष्या हुई और ख़ुशी भी कि इतना प्रतिभा संपन्न व्यक्ति हमारा मित्र है | हमने उसका माथा चूम लिया जैसे दो-तीन दिन पहले नब्बे साल से भी ऊपर के राम जेठमलानी ने लीना चंदावरकर का स्मूच कर मारा |
आज तोताराम विपरीत दिशा से प्रकट हुआ मतलब अपने घर की तरफ से नहीं, मंडी की तरफ से -सिर पर एक बड़ा सा गट्ठर, लड़खड़ाते पाँव; यदि हम न सँभालते तो गिर ही पड़ता |
पूछा- इसमें क्या है ? कहीं मंडी से बची हुई सब्ज़ी तो बीनकर नहीं ला रहा ?
तोताराम ने पसीना पोंछते हुए हमें खा जाने वाली निगाहों से घूरते हुए कहा- अभी सरकार इतनी निर्लज्ज नहीं हुई है कि अपने रिटायर वरिष्ठ सेवकों को सब्जियों की फेंकन बीनने की हालत में पहुँचा दे |
फिर हमारे कान के पास मुँह लाकर बोला- बोझ तो बहुत है, जान ही निकल गई लेकिन यह कोई सब्जी या आटा थोड़े ही है जो ऑटो में लादकर लाता | बड़ा जोखिम का काम है |पूरे पाँच करोड़ हैं | गनीमत है कि सही सलामत पहुँच गया वरना कोई भी टेंटुआ दबाकर ले भागता और पुलिस अज्ञात लोगों के नाम एफ़.आई.आर.दर्ज करके छुट्टी कर देती |
हमारा मुँह खुला का खुला रह गया- पाँच करोड़, कहाँ हाथ मारा ?
बोला- किसी दो नंबर वाले से एक महीने का फिफ्टी-फिफ्टी का सौदा किया है मतलब एक महीने बाद मूल धन और आधा प्रॉफिट लौटा दूँगा |
हमने कहा- बात साफ़ कर |
बोला- मैनें सोचा है कि पाँच करोड़ में मोदी जी वाला सूट खरीद लूँगा और कुछ दिन में एक -दो करोड़ का फायदा कमाकर बेच दूँगा |चल, लगा मोदी जी को फोन |
हमने कहा- तू किस दुनिया में है ? वह तो बिक चुका, गुजरात में उसका जुलूस भी निकल चुका और आयकर का छापा पड़ चुके उस व्यवसायी का नाम गुड बुक्स में भी आ चुका |
बोला-तू कैसा आदमी है ? इतना भी ध्यान नहीं रखा ? अब उस सूरत वाले हीरा व्यवसायी का पता मालूम कर | चार करोड़ इकत्तीस लाख में ख़रीदा है, हम उसे पूरे पाँच करोड़ देंगे | चार दिन में साठ लाख का प्रॉफिट कम नहीं | धंधा करने वाला आदमी है, दे देगा |
हमने कहा- नहीं देगा | उसने कल सूट पहने मोदी जी के जिस पुतले का जुलूस निकाला है उसे अपने ऑफिस के स्वागत कक्ष में, वही सूट पहनाकर खड़ा करेगा जैसे रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर जींस और शर्ट पहने प्लास्टिक के पुतले खड़े रखे जाते हैं |इससे उसके कर्मचारियों को प्रेरणा मिलेगी |
बोला- अरे, गुजरात तो द्वारिकाधीश,योगिराज कृष्ण की भूमि है | क्या उनसे उसे और उसके कर्मचारियों को प्रेरणा नहीं मिल सकती ?
हमने कहा- व्यापारियों का काम योगिराज से नहीं चलता उन्हें तो सत्ता की कृपा चाहिए और वह इतने सस्ते में मिल गई | वह बिलकुल नहीं बेचेगा |वैसे हमें उत्सुकता है कि तू इस सूट का क्या करता और कैसे एक महीने में ही एक-दो करोड़ कमा लेता ?
कहने लगा- देख, यह सूट छप्पन इंच के हिसाब से बना है और मेरा हिसाब अट्ठाईस इंच का है |सो एक के दो सूट हो जाते | पहले एक बेचते पाँच करोड़ में और फिर दस-पाँच दिन में दूसरा |और सुना है उसमें सोने के तारों से कढ़ाई हुई है सो उसकी जगह पीतल के तार लगा देते तो वह बचत अलग से हो जाती |
हमें तोताराम से ईर्ष्या हुई और ख़ुशी भी कि इतना प्रतिभा संपन्न व्यक्ति हमारा मित्र है | हमने उसका माथा चूम लिया जैसे दो-तीन दिन पहले नब्बे साल से भी ऊपर के राम जेठमलानी ने लीना चंदावरकर का स्मूच कर मारा |
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