Jun 21, 2025

दाँतफाड़ासन

दाँतफाड़ासन  

 

दो दिन बारिश हुई तो मौसम ठीक हो गया था लेकिन कल दोपहर बाद तेज धूप निकली तो सब कुछ बराबरफिर वही गरमी और साथ में उमस भीरही सही कसर रात को कोई चार बजे जाकर लाइट ने पूरी कर दीअब ऐसे में कोई क्या सो ले 

हमारा घर लब-ए-सड़क है सो शोर और रौनक बनी रहती है लेकिन यह आवाज कुछ और ही तरह की थी-- झाड़ू लगाने की आवाजकोई पाँच बजे होंगे ।  इतनी जल्दी नगर परिषद के ठेकेदार के आदमियों का सफाई के लिए आना संभव नहीं । आ तो वे आधी रात को भी सकते हैं बशर्ते किसी मंत्री या महामानव का रोड़ शो हो ।   

जिज्ञासा हुई, उठकर बाहर गए तो देखा कोई मानवाकृति सड़क के बीचों बीच दरी पट्टी बिछाकर लेटने का उपक्रम कर रही हैयह कृत्य तो स्पष्ट रूप से आत्महत्या की तैयारी हैहमने उस आकृति को झट से पकड़ कर उठायास्ट्रीट लाइट की तरफ चेहरा घुमाकर देखा तो तोताराम ! 

यह क्या बेवकूफी है ?क्या मरने का इरादा है ।  सब्जी मंडी में ले जा रहा कोई मोटर साइकिल वाला टाँगें कुचल जाएगा और अगर किसी ट्रेक्टर के नीचीगया तो शक्ल भी नहीं पहचानी जाएगीखुरच खुरच कर उठाना पड़ेगामरना ही है तो पहलगाँव घूमने चला जा या अमित शाह के अहमदाबाद से लंदन की एयर इंडिया की फ्लाइट पकड़कुछ मुआवजा और पब्लिसिटी तो मिलेगी ।  यहाँ मरकर हमें क्यों पुलिस के चक्कर में फँसाता है ?  

बोला- मास्टर, तुझे पता होना चाहिये आज विश्व योग उर्फ योगा दिवस है मोदी जी द्वारा भारतीय संस्कृति को वैश्विक बनाने के उपक्रम का दिनरोजाना कुछ भी करो, योग करो ना करो लेकिन दिवस पर ऊटपटाँग तरीके से किए गए नाटकों को मीडिया में अधिक चर्चा मिलती है इसलिए मैंने यह योग करने का रोमांचक स्थान चुना है 

हमने कहा- रोमांच वोमांच सब धरा रह जाएगा जब पुलिस आत्महत्या की कोशिश के केस में पकड़ ले जाएगीयह भी कोई स्थान है योग करने का ? 

 

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बोला- कोई भी स्थान किसी भी काम को करने के लिए हो सकता हैयह सब करने वाले की क्षमता और समझ पर निर्भर करता हैरात में हाइवे पर सत्ताधारी दल के एक माननीय ने सी सी टीवी कैमरे के सामने जो किया वह क्या था ?  क्या वह स्थान उचित था ?  

हमने कहा- खैर छोड़, हमें ऐसे लोगों से क्या लेना देनाकुछ माननीय सांसद लोग तो नए संसद भवन के उद्घाटन सत्र में भी अपने साथी माननीय को कटुए, मुल्ले, आतंकवादी बुलाने लग जाते हैं तो क्या हम ऐसे लोगों का अनुसरण करें ? चल अंदरहो गया योगअगर ज्यादा की उचंग चढ़ी है तो बरामदे में बिछा ले दरी 

हमारा कहना मानकर तोताराम बरामदे मेंगया और लेटकर तरह तरह से शरीर को तोड़ने-मरोड़ने लगा 

हमने कहा- यह क्या है ?  

बोला- ये आलिया भट्ट, सचिन तेंडुलकर, करिश्मा कपूर जैसे सेलेब्रिटीज के कपोतासन, वीरभद्रासन, चक्रासन आदि योगासन हैं 

हमने कहा- ये तो जवानों के वश के काम हैंतू तो कोई बुजुर्गों वाला आसान बता 

बोला- तो फिर धनखड़ जी वाला ‘’कमर झुकासनकर ले या फिर बिरला जी वाला ‘’हर समय मुस्करासनकर ले 

हमने कहा- तोताराम, लगता है अब सीना सिकुड़ता जा रहा हैइसे ठीकठाक करने वाला भी कोई आसन है क्या ?न सही 56 इंच का 36 का हो जाए तो भी चलेगा 

बोला- है तो सही लेकिन थोड़ा कठिन हैइसके लिए पहले चाय बेचना, फिर भाभी को छोड़ना और फिर 35 साल भीख मांगना जरूरी है जो अब संभव नहीं हैइसलिए अब  या तो बरामदे में बैठकर निंदासन किया कर या फिर खाट पर शवासनभगवान लंबी उम्र दे तो आडवाणी जी की तरहअनंत प्रतीक्षासानभी कर सकता है

हमने फिर पूछा- इससे सरल भी कोई योग है क्या ? 

बोला- अब तो वही एक आसन बचा है जो मोदी जी किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से मिलने के समय कुछ समझआने पर करते हैं- बिना बात हँसासन या दाँतफाड़ासन  ।    

-रमेश जोशी    

  

 



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