स्वामी सीज़फायरानंद
आज तोताराम के साथ एक अन्य सज्जन भी थे । गंभीर लेकिन अशांत । चुप लेकिन लगता जैसे वाणी को जबरदस्ती लगाम दिए हुए हैं । हमने कुछ पूछकर पंगा लेना उचित नहीं समझा । लेकिन अबोले कब तक रह सकते थे ।वैसे तो चुप्पी को तोड़ने और बोलने का सबसे सुरक्षित बहाना होता है मौसम पर बात करना । लेकिन आजकल भारत ही क्या सारी दुनिया में मौसम आशिकाना कम और बेईमान अधिक हो रहा है । वैसे भी राजनीति ने सब को इतना घेर रखा है कि गरमी-सर्दी का कुछ पता नहीं लगता । एक अजीब सी उमस दुनिया में बनी हुई है ।
फिर भी अबोले को तोड़ने के उद्देश्य से हमने मुँह खोला, कहा- तोताराम, चलो अच्छा हुआ; ट्रम्प साहब ने सीजफायर करवा ही दिया ।
बोला- अब सीजफायर पर एक शब्द भी बोला तो ठीक नहीं होगा मास्टर । वहाँ सीजफायर हमने करवाया कह कहकर ट्रम्प ने बेचारे मोदी जी ही हालत खराब कर रखी है । और यहाँ तू मेरे पीछे पड़ा हुआ है । बेचारे मोदी जी का 10 दिन में ही कैसे गुठली सा चेहरा निकल आया है । न बोलते बन रहा है और न चुप रहते ।चुनावी सुहाग का सारा सिंदूर पुँछ गया है । ऐसे ही जब कोई निठल्ला, किसी भले आदमी के पीछे पड़ जाए तो गाली तो दूर, टाइम पूछ पूछकर, नमस्ते कर करके ही बाल नुचवा सकता है, सिर फुड़वा सकता, कपड़े फड़वा सकता है ।
हमने कहा- हमने मोदी जी और भारत-पाकिस्तान के सीज़फायर की बात कहाँ की है ? हम तो ईरान-इज़राइल के बारे कहना चाहते थे ।
बोला- यह ट्रम्प बहुत बड़बोला है । दुनिया की राजनीति के बारे में जानता तो कुछ है नहीं । जो भी अनुभव रहा है वह रियल एस्टेट का ।अपने यहाँ के प्रॉपर्टी वालों को क्या तू जानता नहीं ? किसी के प्लॉट पर नाजायज कब्जा कर लेना, नकली रजिस्ट्री बनवाकर किसी का प्लॉट किसी को बेच देना, रोज शाम को दारू पार्टी पर बैठना, बड़ी-बड़ी बातें करना, गाली-गलौज करना । सो यह भारत पाक का सीज़फ़ायर करवाना और अब ईरान और इज़राइल भी ऐसे ही तमाशे हैं ।
हमने कहा- हम इन दोनों घटनाओं को अनावश्यक मान सकते हैं, लेकिन इससे मध्य एशिया में फैला संघर्ष परमाणु युद्ध और अंततः विश्व युद्ध में भी बदल सकता था । इसका रुकना महत्वपूर्ण तो है है । हाँ, किसने शुरू किया किसने रुकवाया यह अलग बात है ।
बोला- अब ट्रम्प का झूठ पकड़ा गया । यह युद्ध शुरू किसने करवाया यह तो मुझे पता नहीं लेकिन सीज़फायर तो बाबा जी ने करवाया है ।
हमने पूछा- कौन बाबा जी ?
बोला- कौन क्या, तेरे सामने बैठे तो हैं स्वामी सीज़फायरानन्द । रास्ते में मिल गए । पहुँचे हुए चमत्कारी बाबा हैं । बड़े बड़े नेताओं के पास उठना बैठना है । सोचा तुझसे भी मिलवा देता हूँ । रोज रोज सीजफायर सीजफायर करके मुझे छेड़ता रहता है ।
हमने पूछा- कभी नाम नहीं सुना । वैसे इनकी क्रोनोलॉजी क्या है ?
बोला- क्रोनोलॉजी क्या, राम-हनुमान, भीष्म-परशुराम, राम-कृष्ण, मोदी जी-आडवाणी जी के बीच सीजफायर इन्होंने ही करवाया था । और तो और मेरे घर के पास कुत्तों के दो ग्रुप बने हुए हैं जो दिन कम से कम एक बार जरूर मुठभेड़ कर लेते हैं । लेकिन आज वे शांत थे । मैंने दोनों दलों के नेताओं से पूछा- क्या बात है आज बड़ी शांति है तो बोले मास्टर जी, सीजफायरानंद जी ने हमारे बीच सीजफायर करवा दिया है । अब सोच जो जानवरों में सीजफायर करवा सकता है उसके लिए मनुष्यों के बीच सीजफायर करवाना क्या मुश्किल है ?
अब मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच जीजफायर के नाम से मत छेड़ना ।
हमने कहा- तोताराम, जानवर बिना बात नहीं लड़ते । उनकी लड़ाई अहंकार की नहीं, जीवन की लड़ाई होती है । अगर जीवन पर खतरा नहीं हो तो वे शांति से रहते हैं । आदमी की लड़ाई बंद होना मुश्किल है । अहंकार जीते जी खत्म नहीं होता । अहंकारी न चैन से रहता है और न ही किसी को चैन से रहने देता है ।
न खाता है, न खाने देता है । न सोता है, न सोने देता है । न जीत है न जीने देता हैं ।
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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