Jun 1, 2025

2025-05-28 ऐसे ही दाद कैसे दे दें


2025-05-28   

ऐसे ही दाद कैसे दे दें  

 

आज जैसे ही तोताराम आया, हमने कहा- तोताराम, अर्ज किया है 

 

बोलामुझे नहीं चाहिए तेरी चायबस, शांति से दो मिनट बैठ लेने दे 

हमने कहा- तू तो ऐसे घबराया हुआ है जैसे तेरे पीछे ईडी वाले पड़े हुए हैं या किसी ने देशद्रोह की एफआईआर दर्ज करवा दी है 

बोला- वह भी हो जाएगी । दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं है, दोस्तों की मेहरबानी चाहिए 

हमने तोताराम को पानी का गिलास दिया और प्रेम से पीठ पर हाथ रखकर पूछा- हुआ क्या ? साफ-साफ बता 

बोला- मोहल्ले के पाँच-सात देशभक्त पीछे पड़ गए थेकह रहे थे पाकिस्तान पर विजय प्राप्ति और कराची, इस्लामाबाद, लाहौर आदि पर कब्जा कर लिए जाने के उपलक्ष्य में तिरंगा यात्रा निकालेंगेअब ऐसे में जिनको यात्रा का लाभ मिलना होगा मिलेगा लेकिन मेरी तो लू से सद्गति तय हैउनसे पीछा छुड़ाकर यहाँ आया तो तू अपने मन की बात लेकर मेरी छाती पर चढ़ गया 

हमने कहा- बड़ा आध्यात्मिक शे’र हैआत्मा को शांति मिलेगी 

बोला- आत्मा की शांति तो बाद की बात है शे’र नाम सुनते ही मेरी कुटाई जरूर हो जाएगीयदि सुनाए बिना नहीं रह सकता तो कोई हिन्दू दोहा, मंत्र, ऋचा, आरती, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड भले ही सुना दे लेकिन यह मुसलमान शे’र नहीं सुननाशे’र ग़ज़ल, रुबाई, नज़्म सब आतंकवादी होते हैंइनमें कहीं कुछ अध्यात्म नहीं होता  

हमने कहा- साहित्य और भाषा क्या कोई हिन्दू मुसलमान होते हैं, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे किसी जाति-धरम के होते हैं ? ये सब बदमाशियाँ हैं, देश को तोड़कर घटिया राजनीति करने वालों का काम हैतू सुन तो सही-  

तुम मेरे पास होते हो गोया  

जब कोई दूसरा नहीं होता  

अब बता, ैसा गा ?  

बोला- हाँ ठीकठाक है लेकिन राय तब दूंगा जब शायर का नाम बताएगा 

हमने कहा- यह मोमिन खां मोमिन का है 

बोला- मेरा अनुमान बिल्कुल ठीक थाइसमें आत्मा -परमात्मा कुछ नहीं हैयह सब कोई षड्यन्त्र हैजब कोई आसपास नहीं होता तब शायर किसी से अकेले में मिलना चाहताअकेले में या तो कोई बड़ा ठेका हथियाने का चक्कर है या कोई भ्रष्टाचार के बदले चन्दा या इलेक्ट्रॉल बॉण्ड का मामला लगता हैया फिर अकेले में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने का इरादा है 

हमने कहा- तोताराम, ऐसा नहीं सोचतेतुझे पता होना चाहिए कि जब देश स्वतंत्र हुआ तब अंग्रेजों के खुशामदी सभी राजाओं के पास उनके किले, सभी संपत्तियाँ  और हीरे-जवाहरात रहे और आज भी वे सरकारों में मंत्री बने बैठे हैं और मौज कर रहे हैंलेकिन अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का नेतृत्व करने वाले बहादुर शाह ज़फ़र के पास लाल किला नहीं रहाउसे वतन से दूर मांडले जेल में तिल तिल कर मरना पड़ा थावे भी  अगर अंग्रेजों के खुशामदी होते तो लाल किला उनके किसी वंशज के पास होताजहाँ कोई होटल होता और शादियों और हल्दी सेरेमनी के इवेंट हुआ करते ।  और मोदी जी तिरंगा कहीं और फहराते होते 

 

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बोला- मैं नहीं मानताक्या मध्यप्रदेश के भाजपा के मंत्री विजय शाह झूठ कहते हैं ?कोई तो कारण होगा कि उन्हें सोफिया में पाकिस्तान की बहिन नजर आई । अगर ऐसा होता तो अब तक उनका तीया-पाँचा कर दिया गया होता लेकिन नहींदेख लेना कभीकभी उन्हें इस हिन्दू भक्तिपूर्ण और मुसलमान विरोधी काम के लिए  गोली मारो वाले अनुराग ठाकुर की तरह पुरस्कृत भी कर दिया जाएगाऐसे ही कर्नाटक में भाजपा के एक एमएलसी रविकुमार ने आईएस अधिकारी फ़ौजिया तरन्नुम को पाकिस्तानी कह दियाइसलिए मैं इस शे’र की तारीफ नहीं कर सकता 

हमने कहा- क्या बताएं तोताराम, नेताओं की बात छोड़, अगर किसी देश में एक अध्यापक भी अगर इस तरह सोचता है तो भविष्य बहुत अंधकारपूर्ण है 

बस, देश की बहादुर बेटी,कर्नल सोफिया कुरैशी के दो वाक्य सुन ले । इसके बाद हमें कुछ नहीं कहना 

मैं मुसलमान हूँ लेकिन पाकिस्तानी नहीं 

मैं मुसलमान हूँ लेकिन आतंकवादी नहीं 

और लगे हाथ राहत इन्दौरी-  

सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में  

किसी के बाप का हिंदोस्तान थोड़े है 

 

-रमेश जोशी  

 


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