Mar 26, 2019

एक रात शिव के साथ



 एक रात शिव के साथ  

आज तोताराम शाम को भी आ धमका |

हमने कहा- तोताराम, अपनी इज्जत आदमी के खुद के हाथ में होती है |क्यों नेताओं की तरह अपनी इज्ज़त का कचरा करवाता है |वैसे रोज-रोज किसी के द्वारे जाने से ही सम्मान घटता है और फिर आज तो तू एक ही दिन में दूसरी बार आ गया |

बोला- भाई साहब, अपन नेता नहीं हैं जिन्हें अपने स्वार्थ के सामने इज्ज़त-बेइज्ज़त कुछ नहीं दीखता |जब चाहे पार्टी बदल लेंगे और जब चाहे बयान |स्वार्थ हो तो जूते खाकर भी जेबकतरे की तरह भीड़ में घुस जाएँगे | वैसे नेताओं की भी मजबूरी होती है | यदि चुनाव बीस साल में एक बार हों तो ये तुझे साढ़े उन्नीस साल से पहले शकल नहीं दिखाएँगे लेकिन क्या करें, कभी लोकसभा चुनाव तो कभी विधान सभा, कभी नगरपालिका तो कभी पंचायत, कभी उपचुनाव | और नहीं तो स्कूल-कालेज या किसी मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा कमेटी के ही चुनाव आ जाते हैं |

वैसे मुझे आज तुझसे कोई काम नहीं है |मैं तो तुझे सूचना देने आया हूँ कि कल सुबह चाय पर मेरा इंतज़ार मत करना |मैं आज 'शिव के साथ एक रात' कार्यक्रम में व्यस्त रहूँगा |

हमने कहा- तोताराम, अब तो लगता है तू बहुत बड़ा आदमी बन गया  | लेकिन अब जब अपने सीकर में ही रात को रजाई पर कम्बल जोड़ना पड़ता है तो कैलाश पर्वत पर तो बहुत ठण्ड होगी |हो सके तो मई में जब ठण्ड कम हो जाए तो कार्यक्रम बना लेना |

बोला- तू भी मास्टर बड़ा भोला है |आजकल शिव कैलाश पर्वत पर नहीं कोयम्बतूर में रहने लग गए हैं |वहीँ पिछली बार मोदी जी भी शिव के साथ एक रात बिताने गए थे |  इस बार अपने राष्ट्रपति रामनाथ जी जा रहे हैं |

हमने कहा- तोताराम, पिछली बार तो जब इफ्तार की दावत की बात चली थी तो राष्ट्रपति जी ने कहा था कि वे एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के राष्ट्रपति हैं इसलिए कोई  धार्मिक आयोजन नहीं करेंगे |अब अचानक कैसे शिवभक्त बन गए ?

बोला- तुझे पता होना चाहिए कि रामनाथ का अर्थ ही 'राम' का 'आराध्य' अर्थात 'शिव' होता है |

हमने कहा- उस विज्ञापन में तो रामनाथ जी के साथ-साथ जग्गी वासुदेव का नाम भी है | उसमें अमित त्रिवेदी और हरिहरन की प्रस्तुतियाँ भी हैं | ऐसे में तू केवल शिव के साथ ही एक रात कैसे मना सकता है ? इस भीड़ में शिव को इतनी फुर्सत देगा भी कौन कि तू शिव के साथ रात बिता सके |

बोला- मास्टर, अब चुप कर |मैं कल कहीं नहीं जा रहा क्योंकि जब योजना में ही मक्षिका पातः हो गया तो वहाँ जाकर पता नहीं क्या होगा | इन नामों  के अलावा कोटक, एच.डी.ऍफ़.डी., प्रेस्टीज, एल.आई.सी., यस बैंक, टाटा, एस.बी.आई. आदि कोई चालीस शिवभक्त और चिपटे हुए हैं |अब मुझे खुद से ज्यादा शिव पर आए हुए संकट की फ़िक्र हो रही है | इस आसन्न संकट के कारण या तो शिव वहाँ से खिसक ही लेंगे या फिर सिर दर्द से बचने के लिए भंग का डबल डोज़ लगा लेंगे |फिर करते रहो हल्ला और नाटक |

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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