Mar 6, 2019

हिसाब-किताब

हिसाब-किताब  

आज जैसे ही तोताराम आया, हमने घोषणा कर दी- तोताराम, मई २०१९ में मोदी जी को एक टर्म और मिलेगी |

बोला- क्यों, क्या तेरा भी मुलायम जी की तरह आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला तो लंबित नहीं है ?

हमने कहा- हमारा आय से अधिक संपत्ति का मामला कहाँ से आएगा ? हमारी तो हो चुकी आय भी अभी तक तीन साल से अटकी पड़ी है |पता नहीं, मिलेगी भी या नहीं ? या जब मिलेगी तब तक उसकी क्रय शक्ति कितनी घट चुकी होगी ? पे कमीशन का पूरे तीन साल का एरियर बकाया है |

बोला- नियति पर विश्वास रख |हिसाब-किताब घूम फिरकर युगों बाद भी करना पड़ता है |

हमने कहा- कुछ होता-हवाता नहीं |जो खा गया, सो खा गया | बाद में पीटते रहो लकीर |नीरव मोदी का मामला ठंडा पड़ गया कि नहीं ? देशभक्ति के इस दौर में अब कोई आवाज़ उठाने में भी डरता है |लेकिन तू हमारे एरियर का हिसाब-किताब होने को लेकर इतना आश्वस्त कैसे है ?

बोला- मास्टर, ये जो मोदी जी संगम पर स्वच्छाग्रहियों अर्थात सफाई कर्मचारियों के चरण धो रहे हैं, यह क्या है ?

हमने कहा- मायावती बहिन जी के अनुसार- 'इस तरह से वादाखिलाफी के पाप नहीं धुलेंगे' |कुछ इसे चुनावी स्टंट कह रहे हैं |राज बब्बर कह रहे हैं कि इससे अच्छा तो सफाई कर्मचारियों को कपड़े दे देते |  

बोला- ये सब फालतू के कमेंट हैं |यदि चरण धोने से मोदी जी या भाजपा के पाप नहीं धुलेंगे तो खुद की मूर्तियाँ बनवाने से कौन-सा दलितों का उद्धार हो जाएगा |सच का किसीको पता नहीं |यह तो कोई आपके अनुज जैसा त्रिकालदर्शी ही जान सकता है |

आज तोताराम का यह ज्योतिषाचार्यावातार हमारे लिए नितांत नया था |उत्सुकता हुई, पूछा- बता, जल्दी बता, सच क्या है ?

बोला- पिछले जन्म में मोदी जी राम थे और ये सफाई कर्मचारी उस केवट के परिवार के सदस्य जिसने राम, सीता और लक्ष्मण को अपनी नाव से सरयू पार करवाई थी |उस समय नोटबंदी के कारण राम के पास केवल हजार और पाँच सौ के ही नोट थे जो केवट ने लिए नहीं; और कह दिया-

फिरती बार मोहि जो देवा 
सो प्रसाद मैं सिर धरि लेवा 

इसके बाद रामचरित मानस में केवट और राम के हिसाब-किताब का कोई प्रसंग नहीं आता |यह वही हिसाब-किताब है |

हम चकित, पूछा-कैसे ?

बोला- पहले केवट ने राम के चरण धोने के बहाने अपने परिवार और पूर्वजों-पितरों तक का उद्धार करवा लिया था |स्वर्ग में आरक्षण ले लिया था |अब इस जन्म में मोदी जी ने इनसे अगले चुनाव में अपने, अपने संघ-परिवार और पिछली पाँच सहस्राब्दियों के ब्राह्मणवादी पितरों-पुरुखों के उद्धार का वचन ले लिया |  

हमने कहा- लेकिन तोताराम, केवट-प्रसंग में तो यह भी आता है-

पद पखार जल पान करि,आपु सहित परिवार |
पितरु पार करि प्रभुहि पुनि मुदित गयउ ले पारि ||

केवट ने राम के चरणामृत का आचमन भी किया था उसका तो हिसाब इस पद-प्रक्षालन में नहीं हुआ |

बोला- भावार्थ समझाकर | केवट ने भी राम से डील फाइनल होने के बाद जलपान किया |फिर  राम, सीता, लक्ष्मण को सरयू पार करवाई |उसी तरह मोदी जी ने भी पहले स्वच्छाग्रहियों के चरण धोए, फिर जलपान किया और फिर रैली में भाषण दिया |

पूछा- तो तोताराम, यह भी हिसाब लगा कि हम अपने पे कमीशन के एरियर के लिए किस केवट के चरण धोएँ ? 

बोला- हे अग्रज, यदि तोताराम को मौसम-विज्ञान का इतना ही ज्ञान होता तो राम विलास पासवान जी की तरह परिवार शक्ति पार्टी का प्रधान नहीं होता ! क्यों अडवानी जी की तरह तेरे इस निर्देशक मंडल के बरामदा-कार्यालय में बैठकर मुफ्त की चाय का इंतज़ार करता रहता |






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