Jul 22, 2021

धन्यवाद.. थैंक्यू..शुक्रिया...

धन्यवाद.. थैंक्यू..शुक्रिया...


हम बरामदे में बैठे थे. तोताराम जैसे ही पास आया, हमने कहा- आ बैठ. 

बरामदे के कोने पर बैठते हुए बहुत विनम्रता से बोला- धन्यवाद.

हमने कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया. अभी चाय बनने में कुछ देर थी. हमने पूछा- पानी लेगा /

बोला- नहीं, धन्यवाद.

पत्नी चाय ले आई. चाय लेते हुए तोताराम बोला- शुक्रिया, भाभी जी.

हमने कहा- आज तो बड़ा लखनवी अंदाज़ में लग रहा है. कभी शुक्रिया, कभी धन्यवाद. क्या बात ?

बोला- आदरणीय, कृतज्ञता सभ्यता और संस्कृति का बहुत महत्त्वपूर्ण अंग होता है. इससे समाज के विकास का अनुमान लगाया जा सकता है. हमारी प्राचीन सभ्यता में तो हम भोजन से पहले ईश्वर के प्रति कृतज्ञता के मन्त्र बोलते थे. नहाते थे तो नदियों के नाम लिया करते थे.सुबह-सुबह समस्त सृष्टि के कारणस्वरूप सूर्य को जल चढ़ा कर नमस्कार करते थे. चर्च के स्कूलों के होस्टलों में आज भी बच्चे भोजन से पहले ईश्वर का धन्यवाद करते हैं लेकिन आज आधुनिकता के चक्कर में हम किसी का भी, किसी भी अच्छे काम के लिए धन्यवाद करना तक भूल गए हैं. पानी के लिए पूछने के उत्तर में कम से कम इतनी कृतज्ञता प्रकट करना तो मेरा फ़र्ज़ बनता ही है. वरना कौन किसी को पानी तक के लिए भी पूछता है ?

इतने में संयोग से अखबार वाला भी आ गया. नियमानुसार चौक में फेंकने की बजाय उसने अखबार तोताराम को पकड़ा दिया. तोताराम ने अखबार लेते हुए अखबार वाले लड़के को भी 'थैंक यू' कहा.

हमने कहा- तोताराम, यह क्या चक्कर है. अंधभक्तों की तरह अनुपयुक्त स्थान और अवसर पर भी 'जय श्री राम' या 'मोदी-मोदी' चिल्लाने लगता है.

बोला- जब गंगा में लाशें तिर रही थीं तब तो तेरे जैसे सुधारक शववाहिनी गंगा चिल्लाने लगे लेकिन अब जब मोदी जी ने दुनिया में एक दिन में सबसे ज्यादा टीके लगवाने का रिकार्ड बना दिया तो तुम्हारे मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा है. 

हमने कहा- यह रिकार्ड भी एक नाटक है और वह 'टीका-उत्सव' भी एक बचकाना तमाशा था.अरे, जो काम करना है चुपचाप करते रहो. अमरीका ने फटाफट अपनी ४६% आबादी को दोनों टीके लगवा दिए और अपने यहाँ के ४% आबादी को लगे दोनों टीकों का रोज गाना गाते रहते हो ! एक किलो गेहूँ को दस लाख मिलीग्राम लिखने से वज़न नहीं बढ़ जाता.

बोला- ऐसा करने से जनता की हिम्मत बढ़ती है. यदि केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों से परीक्षाएं निरस्त करने के लिए धन्यवाद दिलवाने के बहाने कृतज्ञता के संस्कार दिए गए उससे भी तुम जैसे लोगों को तकलीफ हो रही है ?  

 हमने कहा- तोताराम, शिक्षा-संस्कार और अश्लील तरीके से अपनी प्रशंसा करवाने में फर्क होता है. २१ जून को योग दिवस के साथ टीकों का रिकार्ड बनाना था और उससे पहले ही कोलेजों और विश्वविद्यालयों को आदेश दे दिए गये कि वे सबको मुफ्त टीका लगवाने के नाम पर मोदी जी को धन्यवाद देते हुए बड़े-बड़े बैनर लगवाएं. रिकार्ड बनने और टीके लगना शुरू होने से पहले ही 'धन्यवाद' की व्यवस्था !  धन्यवाद के चापलूसी भरे इस राष्ट्रीय अभियान में हम भी सोचते हैं कि समय पर सूर्योदय करवाने के लिए 'प्रधानमंत्री जी' को धन्यवाद देते हुए  एक बैनर बरामदे में लगवा ही दें. 

बोला- अति उत्तम. इसका तो १९७५ में मुम्बई के मिनर्वा सिनेमा हाल में 'शोले' के सीमेंटेड बैनर की तरह बनवा दे. न सूरज का उगना अनियमित होगा और न ही तेरे बैनर के अप्रासंगिक होने का खतरा. 

 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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