Jul 10, 2021

मेहंदी का रंग


मेहंदी का रंग 


आज जैसे ही तोताराम आया हमने उसके सामने कोरोना कांड का नया एपिसोड रख दिया. देखा तोताराम, आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने अपने आवेदनों पर आए केंद्र के जवाबों और सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी की तुलना करते हुए सवाल किया है कि यह कैसे संभव है कि 2 मई तक केंद्र ने केवल 16.23 करोड़ टीके प्राप्त किए थे, पर तब उसके द्वारा 23.18 करोड़ टीकों की खुराक वितरित या आपूर्ति की बात कही गई थी

बोला- तो क्या हो गया ? राजीव गाँधी के जमाने में केंद्र से चले १०० पैसों में से लाभार्थी तक मात्र १५ पैसे पहुंचते थे. हमारी सरकार के सिस्टम में एक तिहाई की ही तो गड़बड़ है. ६६% टीके तो पहुँच ही गए.

हमने कहा- राजीव एक निहायत सज्जन और स्पष्टवादी व्यक्ति थे. लोग उनके द्वारा लायी गई कम्प्यूटर से तैयार वाट्सऐप सेना के बल पर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सत्तासीन हैं लेकिन कभी उन्हें इस सूचना-क्रांति  के लिए धन्यवाद भी नहीं देते. हाँ, उनकी १५% वाली बात संदर्भ से काटकर प्रायः उद्धृत करते रहते हैं. राजीव गाँधी के कहने का मतलब यह नहीं था ८५% राशि का गबन हो जाता है. मतलब यह था कि सिस्टम को सरल और तेज होना चाहिए. कम्यूटरीकरण का उद्देश्य यही था. टेक्स वसूली में आधा तो विभाग पर ही खर्च हो जाता है.  

बोला- अब मोदी जी केंद्र से जितना भेजते हैं वह सारा का सारा लाभार्थी के खाते में पहुँच जाता है.

हमने कहा- तोताराम, तुझे क्या पता जल में रहने वाली मछली कब कितना पानी पी जाती है. राहत कामों के दस किलो गेहूँ में साढ़े आठ किलो ही बैठता है. और चना एक किलो की जगह आठ सौ ग्राम. आज भी निःशुल्क वितरण वाली पाठ्य पुस्तकें सौ की जगह नब्बे, रोड़ वाले ड्राइवर को सौ की जगह नब्बे लीटर डीजल भरते हैं, पेट्रोल पम्प पर तेल भरने वाले उस कर्मचारी को पसंद किया जाता है जो पांच की जगह पौने पांच लीटर तेल ही भरे. 

यह तो लोकतंत्र की मेहंदी है जो हर सेवक की आशा-आकांक्षाओं के हाथ पीले करती रहती है. सेवकों की संख्या जिस अनुपात में बढ़ेगी उसी अनुपात में मेहंदी बांटने वाले हाथों में लग कर ही निबट जाएगी. हो सकता है एक दिन ऐसा भी आ जाए कि सारा विकास कागजों में ही हो जाए और तुझे पता ही नहीं चले कि अपना सीकर स्मार्ट सिटी बन गया.

बोला- लेकिन यह टीके वाला हिसाब कैसे मिलेगा ?

हमने कहा- होगा क्या.हो सकता है अबकी बार मेसेज आ जाए- यू हैव बीन सक्सेस्फुल्ली वेक्सीनेतेड विद कोवीशील्ड ओन  थर्ड ऑफ़ जून २०२१. तब किससे पूछने-बताने जाएगा. 

ऐसे ही मिल जाएगा हिसाब-किताब. जैसे मिस कॉल से पार्टी की सदस्यता दे दी जाती हैं.



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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