Nov 3, 2008

पालिन मैडम! ..सावधानी हटी और दुर्घटना.........



सावधानी हटी और दुर्घटना.........


पालिन मैडम,

कल रात बी.बी.सी.से समाचार सुना की कनाडा के दो मसखरों ने फ्रांस के राष्ट्रपति की आवाज़ में बात करके आपको खूब उल्लू बनाया। ज्यादा महत्वाकांक्षी को मूर्ख बनाना सरल होता है। ये तो खैर मसखरे थे। जैसे भांड तमाशा दिखाने के बाद दाँत दिखाकर, अपनी पहचान बताकर इनाम माँगते हैं। इन्होने भी माफी मांग ली होगी।

आप अलास्का जैसे दूर-दराज़, शांत, सरल और विरल आबादी वाले प्रांत की भोली-भाली,सीधी सादी, घरेलू, बाल-बच्चों वाली महिला हैं। बच्चे पालने में ही समय गुज़र गया। दुनिया की धूर्ताताएं सीखने का मौका ही नहीं मिला। आप सबको अपने जैसा सीधा समझती हैं। पर ये दुनिया इतनी सीधी नहीं है। ये शहर वाले बड़े बदमाश होते हैं भोली-भाली महिलाओं को झूठे सच्चे फोन करके चक्कर में फँसा लेते हैं। ज़रा सोचिये सरकोजी आपको फोन क्यों करेंगे? ज़रदारी का ज़लवा तो आप देख ही चुकी हैं। अब ये सरकोजी भले ही नकली हों पर आपने तो शिकार का प्रोग्राम बना ही लिया ना, मिस्टर पालिन से पूछे बिना।

बिनासोचे समझे प्रोग्राम बनाना ठीक नहीं। आपको पता है भगवान राम भी बिना सोचे समझे शिकार पर निकल पड़े हिरण के शिकार के लिए। सीता ने भी आपकी तरह मारीच की आवाज़ को राम की आवाज़ समझ कर लक्ष्मण को पता करने के लिए भेज दिया था। और परिणाम सबको पता है- सीता हरण हो गया। हम तो कहते हैं कि अगर कभी असली सरकोजी का भी फोन आए तो भी अपने पति के साथ ही शिकार पर जाइयेगा। ज़माना बड़ा ख़राब है। महारानी एलिजाबेथ जब कभी भारत में शेर का शिकार करने आती थीं तो अपने पति ड्यूक के साथ आतीं थीं। एक फिल्मी गाना है-शिकार करने को आए, शिकार हो के चले। इस संसार में तरह-तरह के शिकार और शिकारी हैं। सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।

फ्रांस में क्या शिकार करेंगी? क्या आइफिल टावर पर चढ़ कर चिडियाँ मारेंगी? वहाँ की तो सारी चिडियाँ सरकोजी अब तक मार चुके होंगे। भारत पधारिये। तरह-तरह के जानवर मिलेंगे। शेरों की संख्या भी ठीक ठाक हो चुकी है। शेर के शिकार की एक तकनीक है -शेर के रास्ते में पेड़ से एक बकरे को बाँध दिया जाता है। जब शेर बकरे को खाने लगता है तो उसका शिकार कर लिया जाता है। इससे यह शिक्षा भी मिलती है कि बदमाश लोग भले आदमियों को फँसाने के लिए लालच और मीठी-मीठी बातों के बकरे बाँधते हैं।

सरकोजी ने आपको अमरीका की भावी राष्ट्रपति बताकर अच्छा मस्का मार दिया है। भविष्य में क्या हो किसे पता है। अभी तो चुनाव होना और परिणाम आना बाकी है। फिर भी यदि आपको राष्ट्रपति बनने का इतना ही शौक है तो भारत की नागरिकता ले लीजिये। यहाँ गोरे रंग का बड़ा महत्व है। फिर आपतो शुद्ध गोरी हैं।

छोटा बच्चा कैसा है? बिटिया की शादी कब तब कर रही हैं? हमारी मानो तो बच्चा होने से पहले ही काँटा काटो। शेष चुनाव के बाद।

आपका,
रमेश जोशी

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३ नवम्बर २००८

मूल समाचार के लिए - यू-ट्यूब पर सुनिए ख़बर पढिये BBC, Voices without Votes, News Track



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी प्रकाशित या प्रकाशनाधीन
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication.
Jhootha Sach

2 comments:

  1. सब बतायेंगीं चुनाव के बाद.

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  2. nice post keep writing......
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    Thanks
    Ankit form Pratham

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